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Tuesday, 18th June, 2019
मथुरा जनपद न्यायालय मथुरा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री विकास कुमार द्वारा की गई। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्री आशीष जैन, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत श्री ब्रह्मतेज चतुर्वेदी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा श्री सुरेन्द्र प्रसाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री उत्सव गौरव राज, अध्यक्ष बार एसोसिएशन श्री प्रदीप कुमार शर्मा सचिव बार एसोसिएशन श्री शिवकुमार लवानिया सहित समस्त न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता, बैंक मोबाइल/फाइनेन्स कम्पनियों के अधिकारी, वादकारी, पराविधिक स्वयंसेवक, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल आदि उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश श्री विकास कुमार द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला मुख्यालय, कलेक्ट्रेट, तहसील स्तर पर कुल 370388 वाद निस्तारण हेतु नियत किये गये, जिनमें से 288306 वादों का निस्तारण किया गया। श्री विकास कुमार, जनपद न्यायाधीश, मथुरा द्वारा 44 सिविल वादों का निस्तारण किया गया। श्री आशीष जैन, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा द्वारा 35 पारिवारिक वादों का निस्तारण किया गया। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा श्री अरविन्द कुमार यादव द्वारा 34 वादों का निस्तारण किया गया। वैवाहिक वादों से सम्बंधित गठित पीठ द्वारा प्री-लिटिगेशन प्रार्थनापत्रों में 03 प्रार्थनापत्रों का निस्तारण किया गया। श्री आशीष जैन, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा द्वारा 05 वैवाहिक जोड़ों के मध्य उत्पन्न हुए विवाद को समाप्त किया गया तथा प्रधान न्यायाधीश तथा अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा के समक्ष पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाकर अपने नये जीवन का शुभारम्भ किया। इन 05 वैवाहिक जोड़ों को श्री आशीष जैन प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, मथुरा द्वारा अपना आशीषवचन दिया गया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों में श्री राजेश चौधरी, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण, मथुरा द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों से सम्बंधित 110 वादों का निस्तारण कर मु० 12,66,33,999/- रूपये की प्रतिकर राशि पीडित पक्षकारों को दिलाये जाने के आदेश पारित किये गये तथा 08 प्रकीर्ण वादों का निस्तारण किया गया फौजदारी न्यायालयों द्वारा फौजदारी से सम्बंधित 36614 वादों का निस्तारण कर मु० 11,10,890/-रूपये का अर्थदण्ड वसूला गया। चेक बाउन्स के वादों से सम्बंधित 77 वादों का निस्तारण कर मु० 5,08,31,446/- रूपये का भुगतान पक्षकारों को करने के आदेश पारित किये गये। 103 व्यवहारिक वाद, 127 विद्युत अधिनियम वाद, 1002 विद्युत अधिनियम अंतिम आख्या 642 अंतिम आख्या, 21 उपभोक्ता फोरम वाद तथा 85 अन्य प्रकार के वादों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों, मोबाइल कम्पनियों द्वारा निस्तारण हेतु लगाये गये प्री-लिटिगेशन वादों में 1562 वादों का निस्तारण कर 10,07,10,027 /- रूपये वसूले गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित बैंकों/मोबाइल व फाइनेन्स कम्पनियों की स्टॉलों पर जनपद न्यायाधीश द्वारा जाकर पक्षकारों को व्यक्तिगत रूप से सुना गया तथा पक्षकारों के मामलों के निस्तारण हेतु उपस्थित बैंक अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। जिला व तहसीत स्तर पर स्थापित प्रशासनिक न्यायालयों/विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर 247839 वादों का निस्तारण किया गया। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला कारागार, मथुरा के सहयोग से जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों द्वारा निर्मित ठाकुर जी की पोशाक, ठाकुर जी के मुकुट, हथकरघा की साडी, हथकरघा के गमछे हथकरघा के टॉवल, हथकरघा के धोती दुपट्टा, हथकरघा के शर्ट के कपडे, विभिन्न प्रकार के एल.ई.डी बल्ब आदि उत्पादों की स्टॉल प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु जनपद न्यायालय परिसर में लगाई गई। इस स्टॉल पर समस्त न्यायिक अधिकारियों कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, वादकारियों आदि द्वारा अपने आवश्यकतानुसार उक्त सामग्री क्रय की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में डा० मधुलिका मिश्रा, सहायक विधि प्रोफेसर जी.एल.ए यूनिवर्सिटी के साथ 35 विधि छात्र-छात्राओं द्वारा भ्रमण कर राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों द्वारा की जा रही कार्यवाही के संदर्भ में विधिक जानकारी ली गई। राष्ट्रीय लोक अदालत के अंत में अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री सुरेन्द्र प्रसाद द्वारा उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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