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Tuesday, 18th June, 2019
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ने इस बार अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अभूतपूर्व तैयारियों के साथ मनाया। इसके लिए विवि के विद्यार्थी और शिक्षक पिछले कई दिनों से तैयारियां कर रहे थे। देश की प्रमुख हस्तियों ने विश्विद्यालय के इस ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विवि के विद्यार्थियों, दिव्यांग बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सम्मिलित रूप से योग गुरुओं के निर्देशन में योगाभ्यास किया। इस मौके पर योग प्रशिक्षकों ने योगाभ्यास करने के लाभ बताए और यह भी बताया कि योगाभ्यास करने से कैसे अपने शरीर को निरोग रखा जा सकता है। विवि प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, संस्कृति नर्सिंग स्कूल के विद्यार्थियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर योग करने के लिए प्रेरित किया। लोगों को जागरूक करने के लिए नारे लिखी तख्तियां लेकर रैलियां निकलीं। योग को घर घर पहुंचने के संस्कृति विश्विद्यालय के संकल्प के साथ किए गए इस प्रयास कि सभी ने खूब प्रशंसा की। अनन्तश्री विभूषित सदगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को राष्ट्र निर्माण की दिव्य साधना का आरंभ बताते हुए प्रशंसा की और कहा कि दिव्यांगो का इस महोत्सव में भाग लेना सिद्ध करता है कि योग सबके लिए है। पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ, जागरूक और संस्कारित करने का भी काम कर रहा है। मथुरा की सांसद डॉ श्रीमती हेमा मालिनी संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए सभी विद्यार्थियों, आचार्यों और नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि योग को दिवस के रूप में न लें बल्कि इसे अपने नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं क्योंकि नियमित योग ही आपके निरोगी जीवन की आधारशिला है। श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज ने संस्कृति विश्वविद्यालय के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को योग करना चाहिए। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने संस्कृति विश्विद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी जनकल्याणकारी योजना उनके द्वारा ही बनाई जा सकती है, जिसमें दिव्यागों का भाग लिया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि योग सबके लिए है। योग और संस्कार संस्कृति विवि की सोच का अभिन्न अंग: डॉ सचिन गुप्ता मथुरा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयासों की सराहना करने वाली मशहूर हस्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विवि के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता ने कहा कि योग भारत की वो अमूल्य निधि है जिसने की सारे विश्व को स्वास्थ्य और संतुलन की राह दिखाई है। योग के नियमित अभ्यास से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। आज की भागमभाग वाली जिंदगी में योग की आवश्यकता और बढ़ जाती है। संस्कृति विश्वविद्यालय में योग पर विशेष ध्यान दिया जाता। इसके अभ्यास से विद्यार्थी अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ रहे हैं और पढ़ाई, खेलकूद और प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय सफलता पा रहे हैं। यही संस्कृति विश्विद्यालय की विशेषता है। आज के दिन हम सबको संकल्प लेना चाहिए और योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
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